कहानी – महात्मा गांधी का मानना था कि हमारे पास बहुत सारी कीमती बातें होती हैं। हमें प्राथमिकता तय करनी चाहिए कि किस बात को सबसे ज्यादा महत्व दें।
दांडी यात्रा के दौरान एक जगह रुककर गांधीजी ने थोड़ा विश्राम किया और फिर वे चल दिए। उसी समय एक प्रसिद्ध अमेरिकी अखबार का वरिष्ठ पत्रकार उनके पास पहुंचा और बोला, ‘मेरा नाम वॉकर है।’
वॉकर ने सोचा कि चलते हुए गांधीजी रुकेंगे, क्योंकि मैं बड़े अखबार का पत्रकार हूं, लेकिन गांधीजी ने चलते हुए कहा, ‘इस समय मैं भी वॉकर हूं। आप मेरे साथ चलिए। चलते-चलते बात करते हैं।’
अमेरिकी पत्रकार इस बात से असहज हो गया। वह उनके साथ नहीं चला, क्योंकि गांधीजी तेज चलते थे। वह वहीं रुक गया और गांधीजी आगे बढ़ गए।
उस समय गांधीजी के साथ जो लोग चल रहे थे, उन्होंने कहा, ‘वॉकर एक बड़ा पत्रकार है। आपसे बातचीत करता तो हमारी दांडी यात्रा का प्रचार-प्रसार हो जाता।’