SONBHADRA
Ashok Chaubey
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बालू के अवैध खनन पर जिला प्रशासन की कार्यवाही से हड़कम्प, अवैध खनन माफिया खनन बन्द कर हुए फरार।
सोनभद्र। सूत्रों के अनुसार जनपद में अवैध खनन लगातार चलता रहता है प्रदेश की सरकार ने पूर्व के सपा सरकार में हुए अवैध खनन से सबक लेते हुए खनन में पारदर्शिता बनी रहे ई टेंडर के माध्यम से खनन पट्टों की स्वीकृति देकर अवैध खनन माफियाओं के मंसूबो पर गहरा चोट दी । जिले में जो भी खनन पट्टे स्वीकृत हुए सब ई टेंडर के माध्यम से हुए। अभी हाल ही में सरकार ने बालू के ई टेंडर प्रक्रिया से चार खनन पट्टों को स्वीकृत किया। वहीं जिला प्रशासन ने आठ बालू के रेत खेत ( भूमिधरी ) खनन पट्टों की स्वीकृति प्रदान किये। पर खनन माफियाओं ने सारे नियमों को ताक पर रख कर नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए नदी की जल धारा को रोककर पोकलेन मशीनों व स्टीमर नाव लगाकर खनन कार्य शुरू कर दिया। लगातार शिकायतों के बाद खनन विभाग जागा।और ताबड़तोड़ तीन दिनों से छापेमारी कर 09 पोकलेन मशीनों को सीज कर दिया। वहीं आ खनिज विभाग ,राजस्व विभाग व स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने सभी खनन पट्टो के सीमांकन की प्रक्रिया शुरू कर दिए। वही अवैध खनन रोकने के लिए टीम ने सभी खनन पट्टो के रास्ते को काट दिया। जिससे अवैध खनन करने वालो में हड़कम्प मंच गया जिससे खनन कर रहे लोग अपने पोकलेन मशीनों को लेकर भाग गए या तो छिपा दिए । मजेदार बात है कि संयुक्त टीम के सीमांकन में सभी खनन पट्टा धारकों ने अपने लीज छेत्र से ज्यादा बढ़कर खनन कार्य किया वो भी एक महीने के खनन में ही एक साल का बालू खनन कर दिया है। अब देखने वाली बात होगी कि खनिज विभाग के संयुक्त सीमांकन में बड़े पैमाने पर अवैध खनन को पकड़ा है। आगे क्या कार्यवाही खनन विभाग करता है?
अवैध खनन रोकने रेत खेत के काश्तकार नियमों को ताख पर रखकर कराए गए खनन पट्टों की आड़ में ई टेंडर से जारी खनन साइटों से बालू का अवैध खनन कर रहे हैं। इससे न सिर्फ राजस्व की चोरी हो रही बल्कि खनन को लेकर टकराव की नौबत भी आने लगी है। अगोरी खास खण्ड एक के ई टेंडर के संविदाकार चन्द्रशेखर चौरसिया व खण्ड संख्या दो के संविदाकार रसमित सिंह मल्होत्रा ने जिलाधिकारी सहित खनन अधिकारी को लिखे पत्र में उक्त आरोप लगाते हुए खण्ड एक और दो के सीमांकन की मांग की है। सविदाकारों ने आरोप लगाया कि तहसील ओबरा के ग्राम अगोरी खास की आराजी संख्या 124 में स्थित क्षेत्र रकबा 16.194 हेक्टेयर (खण्ड-1) में तथा आराजी संख्या 824ख में स्थित क्षेत्र रकबा 16.194 हेक्टेयर (खण्ड-2) में खनन के लिए स्वीकृत की गई है। इसका सीमांकन अभी नहीं हो पाया है जिसके कारण उपरोक्त आराजी के आस-पास में हुए भूमीधरी खनन पट्टा धारकों द्वारा दिन व रात्री में मशीनों से प्रार्थी के खण्ड संख्या एक और दो में अवैध खनन किया जा रहा है। अगर ऐसे ही भूमिधरी पट्टा धारकों के द्वारा अवैध खनन होता रहा तो खण्ड संख्या एक और दो में प्रार्थी को आवंटित क्षेत्र में बालू की मात्रा कम हो जाएगी, जिसके कारण प्रार्थी को आर्थिक और राजस्व की भारी मात्रा में क्षति होगा। उन्होंने कहा कि खण्ड एक और दो के पास फसल लगी जमीन में लगभग चार रेत खेत काश्तकारो को नियमों को ताख पर रखकर पट्टा दिया गया है। काश्तकार रेत खेत के आड़ में सीधे नदी में पोकलेन मशीन लगाकर उनके गाटा संख्या एक और दो से लोडिंग कर रहे हैं जो नियमविरुद्ध है। मना करने पर विवाद किया जा रहा है। उन्होंने स्वीकृत खनन पट्टा खण्ड संख्या एक और दो का सीमांकन कराकर अवैध खनन कर रहे व्यक्तियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करते हुए राजस्व की क्षति को रोका जाये।
वही खनन अधिकारी जनार्दन द्विवेदी ने बताया कि कुल 5 खनन पट्टे नदी के किए गए हैं और सभी के मानक हैं मशीनों से खनन केवल खेत खेत वाले ही मिट्टी हटाने के लिए ही करेंगे और जो भी यह मशीनें पोकलेन या स्ट्रीमर लगाकर खनन कर रहे हैं वह गलत है उसको चेक किया जा रहा है और आगे इनके ऊपर कार्रवाई की जाएगी वही सवाल का जवाब देते हुए खनन अधिकारी ने कहा सभी खनन पट्टों का सीमांकन करवाया जा रहा है ना पी के बाद जितना भी ओवर आगे बढ़कर खनन किया गया है उसके जांच के बाद इनके ऊपर जुर्माना या कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बाइट-जनार्दन दुबे ( खनिज अधिकारी सोनभद्र )