सोनभद्र । डाला कोटा व पनारी ग्राम पंचायत के विभिन्न जगहो पर मेसर्स एसीसी लिमिटेड की यूनिट स्टैंडअलोन ग्राइंडिंग यूनिट तीन एम टी. पी. ए सीमेंट उत्पादन क्षमता और 250 के वी ए के डी जी के साथ रेलवे साइडिंग निर्माण की स्थापना के लिए उत्तर प्रदेश प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पर्यावरणीय जन सुनवाई शुक्रवार की सुबह ग्यारह बजे कोटा खास के प्राथमिक विद्यालय पर आयोजित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता अपर जिलाधिकारी आशुतोष कुमार दूबे व संचालन क्षेत्रीय प्रदुषण अधिकारी डा0 टीएन सिंह ने किया। एसीसी कम्पनी का निर्माण कार्य कोटा ग्राम व पनारी ग्राम पंचायत के बार्डर सलईबनवा मे होना है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि पनारी लक्ष्मण यादव ने कहा की हमारी जितनी भागेदारी हो उतनी नौकरी में हिस्सेदारी हो। कोटा ग्राम प्रधान प्रहलाद चेरो ने कहा हमारे ग्राम पंचायत के लोगों कितने प्रतिशत नौकरी देगें यह बाते पूर्णतया स्पष्ट होनी चाहिए। छात्र नेता व मनीष तिवारी ने कहा जिनकी जमीनें गई उन्हे नौकरी की रोजगार के लिए आश्वस्त व निर्माण कार्य से पूर्व स्कूल व अस्पताल की स्थापना होनी चाहिए। एसीसी कंपनी के अधिकारी एडवाइजर ईन्चार्ज डा0 एस0 बी 0सिंह ने बताया की जन सुनवाई के दौरान चार ज्वलंत मुद्दे सामने आए है, जिन्हें कम्पनी का प्राथमिकता के आधार पर पुरा करेगी, कम्पनी यह का मूल उद्देश्य भी है।कम्पनी में लोकल लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी, व्यवसायिक उत्पादन के दौरान 250 कर्मचारियों की आवश्यकता है और 2000 लोग अतिरिक्त कर्मचारि होगें, समाजिक और आर्थिक विकास के लिए कंपनी सदैव तत्पर है। हम सीएसआर के अन्तर्गत स्थानीय लोगों को रोजगार के काबिल बनाएँगे। हम अन्य कपंनीयों से बेहतर होगें। हमारी सीमेंट कंपनी से आपको डस्ट देखने को नही मिलेंगे जिसकी रोकथाम को लेकर आधुनिक संसाधनों को लगाएंगे। कम्पनी के सीएसआर द्वारा गांवों को गोद लेकर शिक्षा की रौशनी फैलाई जाएगी। कार्यक्रम के अंत मे अपर जिलाधिकारी आशुतोष कुमार दूबे ने कहा आप सभी के बातों का रिपोर्ट बनाकर संबंधित उच्च अधिकारियों को प्रेषित की जाएगी। इस दौरान एसीसी सीमेंट कम्पनी के अधिकारी के अभीराम, रविन्द्र दूबे, प्रवीण कुमार, आर वाई पाठक, समीर गुप्ता, पी श्री निवास राजू, विनय खंडेलवाल, धारवी महाजन, योगेन्द्र बहादुर समेत दर्जनों लोग मौजूद रहे ।
इनसेट –
कुल संयत्र 32.6 हेक्टेयर भूमि पर एसीसी सीमेंट उद्योग की स्थापना दो ग्राम पंचायत के वार्डर टोले सलैयबनवा में होगी, कुल जमीनों मे से 3.43 सरकारी भूमि है, और 29.16 हेक्टेयर कंपनी की निजी भूमि है, कुल संयंत्र जमीनों मे से 40% जमीनों पर हरित पट्टी विकास /बृक्षारोपड़ का इस्तेमाल किया जाएगा। बुनियादी आवश्यकता कंपनी को प्रति दिन 3 लाख 19 हजार लीटर पानी की आवश्यकता है, जिसमें 50 हजार लीटर पानी बोरवेल के माध्यम से और बाकी पानी रिहंद नदी से इस्तेमाल किया जाएगा और 18 मेगावाट बिजली की आवश्यकता होगी जो यूपीपीसीएल से लेकर पूरी की जाएगी।