सोनभद्र। स्थानीय राजकीय महाविद्यालय ओबरा एवं भारतीय लेखा परिषद मिर्जापुर शाखा के परस्पर तत्वावधान में चल रहे सात दिवसीय रिसर्च मेथाडोलॉजी कार्यशाला के चौथे दिन प्रोफेसर अजीत कुमार मौर्य हिंदू कॉलेज मुरादाबाद ने मुख्य वक्ता के रूप में सम्मिलित होकर अपना बहुमूल्य योगदान दीया एवं सभी प्रतिभागियों का ज्ञान वर्धन किया।समारोह के सचिव डॉक्टर विकास कुमार असिस्टेंट प्रोफेसर कॉमर्स विभाग राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ओबरा ने अतिथि का स्वागत किया तथा बताया की पूर्वांचल क्षेत्र में रिसर्च मेथाडोलॉजी पर चल रही या कार्यशाला एक मील का पत्थर साबित हो रही है। देश के कोने कोने से छात्र एवं रिसर्च स्कॉलर सम्मिलित होकर इस कार्यशाला की सफलता को बढ़ा रहे हैं और इस तरह सोनभद्र जिले में रिसर्च को आगे बढ़ाने का किया जा रहा हैं। प्रथम तीन दिनों में आईआईएम रायपुर के शोध छात्र शशांक श्रीवास्तव ने अपने वक्तव्यों से सभी प्रतिभागी छात्रों का ज्ञान वर्धन किया एवं उन्हें रिसर्च में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उनके तीनों वक्तव्य बहुत ही सफल रहे एवं प्रतिदिन 100 से अधिक प्रतिभागियों द्वारा जुड़े रहना और कार्यक्रम के समाप्ति में प्रतिदिन अनेकों भाव विभोर कर देने वाले फीडबैक इस बात को साबित करते हैं कि यह कार्यक्रम कितना शानदार एवं सफल चल रहा है। प्रथम सत्र में शशांक श्रीवास्तव ने रिसर्च एवं रिसर्च प्रोसेस से सभी प्रतिभागियों को अवगत कराया एवं इन विषयों पर गहराई से बात की। दिवितीय सत्र में अपने वक्तव्य को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने लिटरेचर रिव्यू एवं प्रॉब्लम आईडेंटिफिकेशन पर गहराई से बात की एवं सभी को इसे कैसे किया जाता है इस विषय में बताया। तृतीय सत्र में उन्होंने डाटा कलेक्शन वेरिएबल के प्रकार एवं मापन के स्केल पर रोशनी डाली एवं बहुत विस्तार पूर्वक प्रैक्टिकल अप्रोच अपनाते हुए उन्होंने सभी छात्रों को इन विषयों पर सफलतम लेक्चर दिया। चौथे दिन मुख्य वक्ता के रूप में आए हुए अजीत कुमार मौर्या जी ने सैंपलिंग एवं सैंपलिंग के प्रकार पर अपनी बात I सभी सेशंस में प्रतिभागियों द्वारा अनवरत प्रश्न उत्तर किया जाता रहा और यह इस बात का सबूत है कि दूर-दूर से जुड़े इन पीजी छात्रों एवं रिसर्च स्कॉलर्स द्वारा इस रिसर्च कार्यशाला को कितना सफल माना जा रहा है। डॉ शैलेश द्विवेदी असिस्टेंट प्रोफेसर गुरु घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर छत्तीसगढ़,डॉ मृत्युंजय पांडे महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ एनटीपीसी परिसर, डॉ दीपक कुमार मिश्रा राम मनोहर लोहिया पीजी कॉलेज वाराणसी, डॉ अमित वर्मा उड़ीसा डॉ राम नरेश यादव, राजकीय स्नात्कोतर महाविद्यालय , मिर्ज़ापुर आदि मौजूद रहे।