नई दिल्ली:
CPM पोलित ब्यूरो की सदस्य वृंदा करात ने रेप से जुड़े दो मामलों में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों को लेकर प्रधान न्यायाधीश (CJI) एस.ए. बोबड़े को खत लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि रेप पीड़ित रोबोट नहीं होतीं, जिनकी भावनाओं और सोच का रिमोट कंट्रोल किसी दूसरे के पास हो.
उन्होंने इन मामलों में सुप्रीम कोर्ट की ओर से की गई टिप्पणियों पर सवाल उठाया है. इस मुद्दे पर NDTV से बात करते हुए वृंदा करात ने कहा, मुख्य सवाल यह है कि अगर न्यायपालिका में इस तरह की मानसिकता को रेखांकित किया जाता है कि रेपिस्ट ‘पीड़ित’ से शादी कर ले, तो उसे अरेस्ट नहीं किया जाएगा, तो सही नहीं है.
वृंदा करात का कहना था कि यदि न्याय प्रक्रिया ‘विक्टिम केंद्रित’ नहीं है और आप रेपिस्ट को ‘च्वॉइस’ दे रहे हैं कि रेप कर लिया, लेकिन अब शादी कर लो, तो सवाल यह उठता है क्या विक्टिम की कोई फीलिंग नहीं. यह घोर अन्याय है. वृंदा करात ने कहा कि हमारे समाज में मानसिकता है कि विक्टिम को बार-बार विक्टिमाइज़ किया जाता है. यह न्याय प्रक्रिया को सिर के बल खड़ा करने वाली टिप्पणी है, इसका बुरा असर पड़ेगा.
CPM पोलित ब्यूरो की सदस्य ने कहा कि बलात्कारी बलात्कार कर ले और फिर कहे, हम शादी कर लेंगे, यह क्या है. CJI को अपने कमेंट को वापस लेना चाहिए, इससे अपराध को बल मिलता है. वृंदा करात के मुताबिक, आप कह रहे हैं कि एक मैरिज सर्टिफिकेट रख लीजिए और फिर आप जो मर्ज़ी कर सकते हैं, यह बहुत गलत है.