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यूपी की एक ऐसी सीट, जहां अब तक नहीं खिल सका है कमल, इस बार भी कड़ी चुनौती । दुद्धी विधानसभा सीट यूपी की एक ऐसी सीट है जहां अब तक भाजपा को कमल खिलाने में कामयाबी नहीं मिल पाई है। सवा तीन लाख मतदाताओं वाली आदिवासी बहुल दुद्धी विधानसभा क्षेत्र में गोंड़ बिरादरी के मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक है। दुद्धी विधानसभा सीट यूपी की एक ऐसी सीट है जहां अब तक भाजपा (BJP) को कमल खिलाने में कामयाबी नहीं मिल पाई है। यहां के जातीय समीकरणों को देखते हुए भाजपा की तरफ से यहां के जिताऊ फैक्टर गोंड़ बिरादरी, के प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारा गया है, लेकिन ऐनवक्त पर सहयोगी दल के विधायक हरिराम चेरो के पाला बदलने और बसपा प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरने के कारण, जहां यहां का सियासी समर खासा दिलचस्प हो गया है। वहीं पूर्व मंत्री विजय सिंह गोंड विधायक हरिराम चेरो और सत्ता पक्ष की प्रतिष्ठा दांव पर है।
सवा तीन लाख मतदाताओं वाली आदिवासी बहुल दुद्धी विधानसभा क्षेत्र में गोंड़ बिरादरी के मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक है। पिछले कई चुनावों से यह फैक्टर, जिताऊ फैक्टर के रूप में सामने आया है। वर्ष 2017 के चुनाव में, कांग्रेस (Congress) ने गोंड़ बिरादरी का प्रत्याशी उतारकर इस वोट बैंक में सेंध लगाई थी। सपा से गठबंधन होने के बावजूद कांग्रेस कोई खास कमाल नहीं कर पाई थी लेकिन गोंड़ बिरादरी के वोटों में सेंधमारी के चलते सात बार लगातार विधायकी का चुनाव जीतने वाले विजय सिंह गोंड़ को हारना पड़ा था। उन्हें पहली बार कांटे के संघर्ष में भाजपा के सहयोगी दल अपना दल एस प्रत्याशी हरिराम चेरो ने महज 1084 वोट से शिकस्त देने में कामयाबी पाई थी।
दुद्धी विधानसभा क्षेत्र में जहां गोंड़ बिरादरी के मतदाता सबसे अधिक हैं। वहीं खरवार, चेरो, अगरिया, यादव, घसिया, दलित , वैश्य, ब्राह्मण, क्षत्रिय वोटरों के साथ अल्पसंख्यक मतदाता यहां का चुनावी समीकरण बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं लेकिन फॉरवर्ड और बैकवर्ड वोटरों का वोट विभिन्न दलों में बंट जाने के कारण, आदिवासी मतदाता निर्णायक साबित होते हैं।
प्रत्याशियों के नाम-
विजय सिंह गौड़- सपा
रामदुलार गौड़- भाजपा
बसन्ती पनिका- कांग्रेस
हरिराम चेरो- बीएसपी