सोनभद्र । जिले के शक्तिनगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत एनसीएल बीना परियोजना में ओबी का कार्य कर रही बीजीआर कंपनी में विस्थापित कोटे में रोजगार की मांग को लेकर मचे घमासान के बीच विस्थापितों ने अपनी मांग को तेज करते हुए अनूठी पहल के साथ बीना से लखनऊ तक साइकिल यात्रा की कल शुरुआत की थी जिसके तहत मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी तक अपना दर्द पहुंचाने का प्रयास था। पर आज लगभग 110 किमी साइकिल से चलकर जिला मुख्यालय के लोढ़ी स्थित टोल प्लाजा पहुँचने पर राबर्ट्सगंज कोतवाली पुलिस ने साइकिल से यात्रा कर रहे शशि सिंह को हिरासत में ले लिया। शशि सिंह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक अपने विस्थापितों के दर्द को बयां कर रोजगार की मांग करने जा रहे थे। बदादें की सोनभद्र के बिना कोल माइंस में सैकड़ों विस्थापित कम्पनी के द्वारा किये गए वादाखिलाफी के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे है । दरसल बिना कोल माइंस में बीजीआर कम्पनी ओवरबर्डन का काम करती है समझौते के मुताबिक NCL ने कम्पनी को विस्थापितों की लिस्ट देकर विस्थापितों को रोजगार दिए जाने की बात कही थी। पर बीजीआर कम्पनी के द्वारा वादाखिलाफी कर शर्तो को ना मानने की अनैतिक कार्य कर रही है जिससे नाराज कम्पनी से विस्थापित लोगो के द्वारा लगातार प्रदर्शन ,धरना व आमरण अनशन किया गया। इसके बावजूद कम्पनी ने वादा किया कि वो बाकी बचे लोगों को रोजगार देंगे पर ऐसा नहीं हुआ इससे अजीज आकर अब विस्थापित अपने मांगों व दुःख को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुँचाने का नया तरीका अपनाया है। बिना से लखनऊ तक कि 500 किमी की यात्रा साइकिल से कर मुख्यमंत्री तक कम्पनी की शिकायत पहुँचाने का नायाब तरीका अपनाया है। इसी क्रम में आज जब शशि सिंह लगभग 110 किमी की यात्रा साइकिल से तय करके टोल प्लाजा तक पहुँचे थे कि रावर्ट्सगंज कोतवाली पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और अपने साथ कोतवाली ले गयी । वही इस मामले पर कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीीं है। वही बांसी निवासी शशि सिंह का कहना है कि हम अपनी मांगों को मुख्यमंत्री तक अकेले ही साइकिल से लखनऊ पहुचाने के लिए निकले थे पर ना जाने पुलिस व जिला प्रशासन को परेशानी नजर आयी जो मुझे हिरासत में ले लिया जिले के जनप्रतिनिधियों व अधिकारी कम्पनी के एजेंट के तहत कार्य कर रहे है। कल मैं बिना से साइकिल से निकला था रात भर सफर कर के आज जैसे ही टोल पर पहुँचा मुझे पुलिस ने हिरासत में ले लिया ।
बाइट- शशि सिंह ( विस्थापित साइकिल यात्रा करने वाले पीड़ित )