[12:30, 3/7/2022] ASHOKCHAUBEY CB.SONBHADRA: घोरावल विधानसभा-400
कभी उत्तर प्रदेश के सबसे ताकतवर राजनीतिक घराने (कमलापति त्रिपाठी परिवार) की गढ़ रही घोरावल विधानसभा सीट पर अब जातिगत समीकरण जीत का पैमाना बनने लगा है। 2012 में सपा लहर और 2017 में मोदी मैजिक ने जीत की राह जरूर बनाई लेकिन जातिगत समीकरणों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। लेकिन इस बार न तो सपा की लहर दिख रही है ना ही मोदी मैजिक। बसपा की भी बेस वोटरों वाली साख यहां दांव पर है। घोरावल विधानसभा सीट मूलतः दलित बाहुल्य है लेकिन 2002 के विधानसभा चुनाव से 2017 के चुनाव तक मौर्य वोटरों की एकजुटता सबसे मजबूत समीकरण के रूप में देखी जाती रही है। इस बार इस समीकरण में जहां अभी से सेंध लगाने की कोशिश शुरू हो गई है। वहीं घोरावल विधानसभा के मधुपुर से जन अधिकार पार्टी के चुनावी शंखनाद को देखते हुए इस बार समीकरण बदलने के भी कयास लगाए जाने लगे हैं। ताजा हालात में ब्राह्मण और दलित वोटरों का रूझान सबसे मजबूत समीकरण माना जा रहा है। इस समीकरण के लिहाज से सभी प्रमुख दलों में टिकट की गुणा गणित शुरू हो गई है।
2012 में राजगढ़ विधानसभा सीट खत्म होने के बाद अस्तित्व में आई। घोरावल विधानसभा सीट से अनिल मौर्या 2017 में भाजपा के टिकट पर विधायक चुने गए। इससे पहले वह बसपा के टिकट पर 2002 और 2007 में विधायक चुने गए थे लेकिन उस समय घोरावल सीट का वर्तमान क्षेत्र राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में समाहित था। 2012 के चुनाव में सपा के रमेश चंद्र दुबे ने अनिल मौर्या को कांटे के संघर्ष में लगभग 15,000 वोटों से हराया था। 2017 में अनिल ने भाजपा के टिकट पर यह सीट लगभग 55,000 वोटों से जीत दर्ज कर हथिया ली। इस बार फिर दोनों के बीच कांटे के संघर्ष के आसार दिखने लगे हैं। 2012 की तरफ समीकरण भी बदला नजर आ रहा है। ऐसे में जीत सपा के खेमे में आएगी या फिर भाजपा कब्जा जमाएगी? इसको लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। वही बसपा से किस की दावेदारी सामने आती है और ब्राह्मण तथा दलित वोटरों का झुकाव किसकी तरफ जाता है? इसको लेकर भी राजनीतिक पंडित अलग-अलग मतलब निकाल रहे हैं। भाजपा और सपा पुराने चेहरों पर ही दांव आजमाएगी या नए चेहरे को मौका देगी? इसको लेकर भी चर्चा जारी है।
घोरावल विधानसभा में मतदाताओं की संख्या (Ghorawal Vidhan Sabha Seat Voters) पुरुष: 2,04,448 महिला: 1,79,108 कुल: 3,83,569
जातिगत आंकड़े मौर्याः 60,000 ब्राम्हण: 50,000 यादव: 22,000 पटेल: 25,000 हरिजन: 47,000 वैश्य: 26,000 बियार, बिंद, चौहानः 22000 क्षत्रियः 15000 कन्नौजिया-12000 अल्पसंख्यकः 21000 कोलः 44000 कायस्थ: 7000 नाई: 5000 बैसवार: 14000 अन्यः 13569
प्रत्याशियों के नाम-
अनिल मौर्य- बीजेपी
रमेश चन्द्र दुबे-सपा
सुरजीत सिंह पटेल- अपना दल(के)
मोहन कुशवाहा- बीएसपी